8 March 2013

ठगा गये !!

कैसी है ये ठगी, कैसी है ये ठगी । 
बिना पूछे ही मुझे , तुम प्यारी क्यों लगी ॥ 

चाहता था, मैं भी तुम्हे ठगु । 
चाहता था, मैं भी तुम्हे ठगु । 
पर हो ना सकि , कुछ ऐसी है तुम्हारी हँसी ॥ 
रौनक

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