ज़िंदगी और मौत
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ज़िंदगी और मौत का ,
चंद पालो का है सफ़र ।
सालों साल है हम सोचते,
पर लगता है केवल एक पलक।।
मैंने भी बहुत सोचा,
जिंदगी के कभी इधर, कभी उधर,
पर ना मिला, कोई सही प्रश्न ।
शायर और लेखक,
वैज्ञानिक और भिक्षुक,
सभी सोचते है, और कुछ पाते है ।
पर मैंने क्या पाया, मैंने क्या पाया।
शब्दों के विचार, निति का व्यवहार,
बेलव्ज प्यार, या अनचाही कतार।।
मैं अंजान नहीं, मैं भगवान् नहीं,
देखा है एक सपना, जिसे पाना आसान नहीं ।
अब मैं खुश नहीं, अब मैं नाराज़ नहीं ।।
अब मैं हो चला, और हो चली मेरी आयु
और हो चले, मेरे जवान ।
और मेरे छोटे जवान ।।
वे भी मुझसे पूछते,
क्या है या ज़िंदगी, क्या है ये बवाल ।
मैं हँसा, और बोला, यह है एक तलाश,
जिसकी फिदरत है गोलमाल, और आकर्षण है विचार ।।
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ज़िंदगी और मौत का ,
चंद पालो का है सफ़र ।
सालों साल है हम सोचते,
पर लगता है केवल एक पलक।।
मैंने भी बहुत सोचा,
जिंदगी के कभी इधर, कभी उधर,
पर ना मिला, कोई सही प्रश्न ।
शायर और लेखक,
वैज्ञानिक और भिक्षुक,
सभी सोचते है, और कुछ पाते है ।
पर मैंने क्या पाया, मैंने क्या पाया।
शब्दों के विचार, निति का व्यवहार,
बेलव्ज प्यार, या अनचाही कतार।।
मैं अंजान नहीं, मैं भगवान् नहीं,
देखा है एक सपना, जिसे पाना आसान नहीं ।
अब मैं खुश नहीं, अब मैं नाराज़ नहीं ।।
अब मैं हो चला, और हो चली मेरी आयु
और हो चले, मेरे जवान ।
और मेरे छोटे जवान ।।
वे भी मुझसे पूछते,
क्या है या ज़िंदगी, क्या है ये बवाल ।
मैं हँसा, और बोला, यह है एक तलाश,
जिसकी फिदरत है गोलमाल, और आकर्षण है विचार ।।
रौनक, रिक्सोर वाला
kya baat hai koki...ye to mast hai !!
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