Suggesting finite axioms for the infinite world...
कैसी है ये ठगी, कैसी है ये ठगी । बिना पूछे ही मुझे , तुम प्यारी क्यों लगी ॥ चाहता था, मैं भी तुम्हे ठगु । चाहता था, मैं भी तुम्हे ठगु । पर हो ना सकि , कुछ ऐसी है तुम्हारी हँसी ॥
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